एक बारिश की बूँद,
चुपके से कानो में गुनगुनायी,
मिट्टी की ख़ुशबू,
हवा को छू के पास मेरे आइ,
सोचा होगा आज तूने पल दो पल मेरे बारे में,
आबो हवा शायद ये पैग़ाम ले कर आइ,
आज लहराया होगा तेरा लाल सा दुपट्टा,
हँसी के चंद मोती गिरे होंगे,
सादगी से फूल कुछ शर्माए होंगे,
तुझपे क़ुर्बान होने सूखे पत्ते कई आए होंगे,
किसी बाज़ार में आज बढ़ गयी होगी रौनक,
किसी गली का हर कोना महका होगा,
तेरी बेपरवाह सी चहलक़दमी से,
कई दिलों का ईमान आज बहका होगा,
इंतहा तेरे हुस्न की है,
या क़सूर मेरी चाहत का,
सोचते सोचते वक़्त रुक सा जाता है,
ठहरा हुआ दिल गुमसम सा मुस्कुराता है,
चुपके से कानो में गुनगुनायी,
मिट्टी की ख़ुशबू,
हवा को छू के पास मेरे आइ,
सोचा होगा आज तूने पल दो पल मेरे बारे में,
आबो हवा शायद ये पैग़ाम ले कर आइ,
आज लहराया होगा तेरा लाल सा दुपट्टा,
हँसी के चंद मोती गिरे होंगे,
सादगी से फूल कुछ शर्माए होंगे,
तुझपे क़ुर्बान होने सूखे पत्ते कई आए होंगे,
किसी बाज़ार में आज बढ़ गयी होगी रौनक,
किसी गली का हर कोना महका होगा,
तेरी बेपरवाह सी चहलक़दमी से,
कई दिलों का ईमान आज बहका होगा,
इंतहा तेरे हुस्न की है,
या क़सूर मेरी चाहत का,
सोचते सोचते वक़्त रुक सा जाता है,
ठहरा हुआ दिल गुमसम सा मुस्कुराता है,
सोचता हु मैं आख़िर ये क्या बला है,
ज़िंदगी के इस मोड़ पे अब,
ख़याल तेरे मेरा मर्ज़ हैं,
तेरे ख़याल ही दवा हैं....