Sunday, 3 September 2023

कविता

 जड़ में कोई जीवित है तो कविता,

इसमें लिखे शब्द,

जीवन और अजीवन के फ़र्क़ को,

सूक्ष्मता से नकारते हैं,

जैसे जीवित होने के लिए सदैव तैयार,

मगर अन्यथा अजीवित, 


कई दिनों तक पुस्तकों के बीच,

अवेग, स्थिर, अंतरित, 

फिर पाठक के मिलते ही,

सजग, कोमल और जीवित, 


कुछ शब्दों से एक दृश्य बन जाता है,

कई दृश्यों से एक वाक्य, 

कई वाक्यों से एक कहानी,

जो स्पर्श कर जाती है, कभी,

जो अंतरंग हो जाती है कभी, 

बनके मन का स्तंभ, 


कभी ख़ुशबू प्रियतमा की,

कभी आलिंगन, 

कभी अंतर्मन का गहरी कामना को जीवन दे देती है कविता, 

पर कभी पाठक और लेखन के मध्य का गुप्त मिलन,

ज़ाहिर नहीं होने देती है कविता..